BA Semester-5 Paper-2A History - History of Modern World (1453 A.D-1815 A.D) - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2787
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से  1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर -

इस क्रान्ति के प्रमुख कारण

इंग्लैण्ड के इतिहास में वर्ष 1688 संवैधानिक एवं राजनीतिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्व का वर्ष था। वर्ष इंग्लैण्ड की जनता ने स्टुअर्ट वंश के राजा जेम्स द्वितीय के शासन के विरुद्ध क्रान्ति करके लम्बे समय से चले आ रहे संवैधानिक संघर्ष को समाप्त कर दिया। इस क्रान्ति की मुख्य विशेषता यह थी कि यह विशुद्ध रक्तहीन क्रान्ति थी। क्रान्ति होने के बावजूद इसके पश्चात् सभी राजनीतिक एवं संवैधानिक परिवर्तन शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गये। यही कारण है कि सन् 1688 ई. की क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण क्रान्ति' तथा 'रक्तहीन क्रान्ति' कहा जाता है।

इस क्रान्ति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-

(1) सम्राट की राजनीतिक अदूरदर्शिता - जेम्स द्वितीय अपने भाई चार्ल्स की भाँति बुद्धिमान और दूरदर्शी शासक नहीं था। चार्ल्स प्रथम ने प्रतिकूल परिस्थिति में भी पच्चीस वर्ष (1625-1649) तक इंग्लैण्ड पर शासन किया था। इसके विपरीत, जेम्स द्वितीय के व्यक्तित्व में राजनीतिक दूरदर्शिता का अभाव होने के कारण वह लम्बे समय तक शासन करने में सफल नहीं हो सका। जेम्स द्वितीय इंग्लैण्ड की जनता का कभी विश्वास प्राप्त नहीं कर सका। उसके भाई चार्ल्स द्वितीय ने जेम्स द्वितीय के व्यक्तित्व को इस कमी की ओर संकेत करते हुए कहा था, "जब मेरी मृत्यु हो जायेगी और मैं नही रहूँगा, तब मैं नही जानता के मेरा भाई क्या करेगा? जब वह राजा बनेगा तो मुझे भय है कि कहीं उसे सुदूर यात्रा पर जाने के लिए विवश न कर दिया जाये।" चार्ल्स द्वितीय की यह भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई जब सन् 1688 ई. में जेम्स द्वितीय को दूरदर्शिता और कुशलता के अभाव में देश छोड़कर भागना पड़ा।"

(2) ड्यूक ऑफ मन्मथ का विद्रोह - मन्मथ का ड्यूक चार्ल्स का अवैध पुत्र था। इंग्लैण्ड की हिग पार्टी के कुछ नेता मन्मथ के ड्यूक को चार्ल्स द्वितीय का उत्तराधिकारी घोषित करना चाहते थे। किन्तु सम्राट ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। जेम्स द्वितीय के राज्यारोहण के पश्चात् हिग नेताओं के परामर्श के आधार पर मन्मथ के ड्यूक ने विद्रोह कर दिया किन्तु जेम्स द्वितीय की सेना ने मन्मथ के विद्रोह को असफल कर दिया। मन्मथ को मृत्यु दण्ड दिया गया। इसके अतिरिक्त, जेम्स द्वितीय ने अपने विरोधियों की शक्ति को कुचलने तथा उनके हृदय में आतंक उत्पन्न करने के उद्देश्य से खूनी न्यायालय के माध्यम से लगभग तीन सौ विद्रोहियों को मृत्यु दण्ड दिया तथा हजारों की संख्या में विद्रोहियों को देश से बाहर निकाल दिया गया। जेम्स द्वितीय की इस निरंकुश एवं हिंसापूर्ण नीति के कारण इंग्लैण्ड की जनता उससे घृणा करने लगी।

(3) धार्मिक भेदभाव - जेम्स द्वितीय कैथोलिक मतावलम्बी था, जबकि इंग्लैण्ड की अधिकांश जनता प्रोटेस्टेन्ट मत को मानती थी। उसने जनता की भावनाओं का निरादर करते हुए उसे कैथोलिक धर्म स्वीकार करने को विवश कर दिया। उसकी इस पक्षपातपूर्ण धार्मिक नीति के कारण इंग्लैण्ड में उसके विरोधियों की संख्या निरन्तर बढ़ती गयी। इंग्लैण्ड की जनता द्वारा प्रबल विरोध किये जाने के बावजूद 'जेम्स द्वितीय ने एक विशाल कैथोलिक चर्च की स्थापना की थी। इसके अतिरिक्त सम्राट ने अपनी सैनिक संख्या को छः हजार से बढ़ाकर तीस हजार कर दिया और इस नई भर्ती में कैथोलिक मतावलम्बियों को प्राथमिकता दी गयी थी। इस सहयोग से देश में सैनिक शासन की स्थापना करना था।

जेम्स द्वितीय ने धार्मिक भेदभाव की नीति को केवल इंग्लैण्ड में ही लागू नही किया था अपितु उसने इसी नीति के आधार पर आयरलैण्ड तथा स्कॉटलैण्ड में कैथोलिक अधिकारियों की नियुक्तियाँ की थीं। उन अधिकारियों ने प्रोटेस्टेन्ट मतावलम्बियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किये, जिसके फलस्वरूप पूरे साम्राज्य में जेम्स द्वितीय की भेदभावपूर्ण धार्मिक नीति के विरुद्ध असन्तोष उत्पन्न हो गया।

(4) सम्राट द्वारा दैवीय अधिकार के सिद्धान्त का समर्थन - सम्राट जेम्स द्वितीय राजा के दैवीय अधिकार के सिद्धान्तों का अभिप्राय यह था कि राजा पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि है तथा उसके कार्यों एवं नीतियों के विरुद्ध किसी न्यायालय में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। जनता का यह कर्त्तव्य है कि वह राजा की प्रत्येक आज्ञा को ईश्वर की आज्ञा मानकर उसका पालन करे। सम्राट जेम्स द्वितीय स्वयं को न्यायपालिका से ऊपर मानता था। इस कारण वह न्यायालय के निर्णयों और कानूनों का उल्लंघन भी कर सकता था। कुछ न्यायाधीशों ने सम्राट को प्रसन्न करने के उद्देश्य से इस सिद्धान्त का समर्थन करते हुए कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय भी दे दिए। सम्राट ने कानून की सर्वोच्चता के सिद्धान्त को ठुकराते हुए बहुत से बन्दियों को कारागार से मुक्त कर दिया। सम्राट के इस कार्य से जनता असन्तुष्ट हो गयी। लोगों में यह आशंका उत्पन्न हो गयी कि सम्राट देश के कानून की धज्जियाँ उड़ाकर मनमाने ढंग से कार्य करके निरंकुशता और स्वेच्छाचारिता की ओर बढ़ रहा था। जनता ने इस स्थिति को सहन नहीं किया सम्राट के विरुद्ध क्रान्ति की तैयारी प्रारम्भ कर दी।

(5) धार्मिक सुविधाओं की घोषणा - उपर्युक्त पंक्तियों में यह स्पष्ट किया जा चुका है कि जेम्स द्वितीय कट्टर कैथोलिक था तथा वह इंग्लैण्ड को एक कैथोलिक देश बनाना चाहता था। उसने उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए धार्मिक कट्टरता और अहिष्णुता की नीति का अनुसरण किया तथा टैस्ट एण्ड कार्पोरेशन एक्ट का उल्लंघन करते हुए प्रशासन के महत्त्वपूर्ण पदों पर कैथोलिकों को नियुक्त कर दिया। सन् 1687 ई. में सम्राट ने धार्मिक सुविधाओं की घोषणा करके कैथोलिकों पर लगे हुए सभी प्रतिबन्धों को समाप्त कर दिया।

सन् 1688 ई. में इसी प्रकार का दूसरा घोषणा-पत्र निर्गत किया गया तथा वह निर्देश दिया गया कि इन घोषणाओं को गिरजाघरों में प्रति रविवार को ऊँची आवाज में पढ़ा जाये। सम्राट की इन धार्मिक सुविधाओं की घोषणाओं तथा पक्षपातपूर्ण धार्मिक निर्देशों के फलस्वरूप प्रोटेस्टेन्ट जनता में असन्तोष की तीव्र लहर उत्पन्न हो गयी।

(6) टैस्ट एण्ड कॉर्पोरेशन एक्ट का उल्लंघन - चार्ल्स द्वितीय के शासनकाल में इंग्लैण्ड की जनता में टैस्ट एण्ड कॉर्पोरेशन एक्ट पारित किया था। इस अधिनियम के अनुसार इंग्लैण्ड के प्रशासन में राजकीय पदों पर केवल एंग्लिकन चर्च के अनुयायियों को नियुक्त किया जा सकता था। इसके अतिरिक्त एंग्लिकन चर्च के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करने वाले को भी सरकारी पदों पर नियुक्त करने की व्यवस्था उक्त अधिनियम के अन्तर्गत की गयी थी। इस प्रकार रोमन के कैथोलिकों को सरकारी नौकरी के अधिकार से वंचित कर दिया गया था।

जेम्स द्वितीय कैथोलिक मत का कट्टर समर्थक था। वह इंग्लैण्ड को एक कैथोलिक देश बनाना चाहता था। इसलिए उसने टैस्ट एण्ड कॉर्पोरेशन का उल्लंघन करने का निश्चय किया। उसने प्रशासन के महत्त्वपूर्ण पदों पर कैथोलिकों को नियुक्त करना प्रारम्भ कर दिया। सम्राट की धार्मिक कट्टरता की नीति से शिक्षण संस्थाएँ भी अछूती नहीं रही। जेम्स द्वितीय की इच्छानुसार एक कैथोलिक को उपाधि प्रदान करने से इन्कार कर दिये जाने से क्रोधित होकर जेम्स द्वितीय ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को निलम्बित कर दिया था। इस प्रकार सम्राट ने देश के प्रशासनिक पदों पर तथा शिक्षाण संस्थाओं में कैथोलिकों को नियुक्त करके टेस्ट एण्ड कॉर्पोरेशन एक्ट का खुला उल्लंघन किया जिसके फलस्वरूप वहाँ की जनता में सम्राट के विरुद्ध तीव्र असन्तोष उत्पन्न हो गया। जेम्स द्वितीय के इस आचरण को इंग्लैण्ड की संसद ने भी कड़ा विरोध किया था। इस कार्य ने सम्राट के विरुद्ध विद्रोह की भावना को अधिक शक्ति प्रदान की थी।

(7) स्वेच्छाचारी विदेश नीति - जेम्स द्वितीय ने सत्तारूढ़ होने के बाद ऐसी विदेश नीति का पालन किया था, जो न केवल जनता के प्रतिकूल थी, अपितु निरंकुशता एवं स्वेच्छाचारिता के सिद्धान्तों पर भी आधारित थी। सम्राट ने अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए फ्रांस और इंग्लैण्ड दोनों देशों के शासक कैथोलिक धर्म के अनुयायी थे। इस कारण दोनों देशों के मध्य सन्धि समाप्त होने में कोई कठिनाई नहीं हुई। किन्तु इंग्लैण्ड की प्रोटेस्टेन्ट जनता इस सन्धि को समाप्त करने की माँग की किन्तु सम्राट ने इस माँग को अस्वीकार कर दिया। फलस्वरूप इंग्लैण्ड की जनता अपने सम्राट से रुष्ट हो गयी।

(8) जेम्स द्वितीय के पुत्र का जन्म - जब इंग्लैण्ड की जनता सात पादरियों के निर्दोष सिद्ध होने पर हर्षोल्लास में व्यस्त थी। उसी समय जनता को सम्राट जेम्स द्वितीय के यहाँ पुत्र जन्म की सूचना प्राप्त हुई। जेम्स द्वितीय की पहली रानी के दो पुत्रियाँ थी। मरी तथा ऐन। दूसरी रानी के कोई सन्तान नहीं थी। स्वयं मेरी भी प्रोटेस्टेन्ट मतावलम्बी थी। चूँकि जेम्स द्वितीय के कोई सन्तान नहीं थी। इसलिए इंग्लैण्ड की जनता यह समझती थी कि सम्राट की पुत्री मेरी अपने पिता के बाद इंग्लैण्ड की शासिका बनेगी और उसके शासनकाल में प्रोटेस्टेन्ट धर्म को विकसित होने का पूरा अवसर प्राप्त होगा। किन्तु 10 जून, सन् 1688 ई. के जेम्स द्वितीय की दूसरी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया। इस घटना से इंग्लैण्ड के प्रोटेस्टेन्ट को अत्यधिक निराशा हो गयी। वे सोचने लगे कि राजा का पुत्र कैथोलिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त करेगा और बड़ा होने पर यदि वह इंग्लैण्ड की गद्दी पर बैठा तो अपने पिता की भाँति वह भी प्रोस्टेस्टेन्टों का दमन करेगा। इस कारण प्रोटेस्टेन्ट ने शासन के विरुद्ध विद्रोह करने का निश्चय कर लिया।

(9) सात बिशपों पर राजद्रोह का अभियोग - सम्राट की आर्थिक सुविधाओं की घोषणा का देश व्यापी स्तर पर विरोध हुआ। जब राजा का निर्देश चर्च के बिशपों के पास पहुँचा तो उनके समक्ष असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी। उनके सामने दो विकल्प थे- (i) वे सम्राट की धार्मिक सुविधाओं की घोषणा को ऊँची आवाज में पढ़े, अथवा (ii) वे सम्राट के आदेश को मानने से इन्कार कर दे। उन्होंने दूसरे विकल्प को चुना और सम्राट के आदेश को ठुकरा दिया। इस अपराध में सम्राट ने सात बिशपों को बन्दी बना लिया और उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया। न्यायालय ने उन बिशपों को निर्दोष साबित कर दिया। इस घटना से जेम्स द्वितीय की राजनीतिक स्थिति अत्यन्त दुर्बल हो गयी। पादरियों के निर्दोष घोषित हो जाने से प्रोटेस्टेन्ट जनता में प्रसन्ता की लहर दौड़ गयी और उसने सम्राट के विरुद्ध के रूप में भीषण आक्रमण का निश्चय कर लिया।

(10) क्रान्ति का विस्फोट तथा जेम्स द्वितीय का पलायन - इस प्रकार सम्राट जेम्स द्वितीय अपने चरित्र की दुर्बलता तथा प्रशासनिक दोषों के कारण इंग्लैण्ड की जनता का समर्थन और सहयोग प्राप्त करने में सफल नहीं हो सका। सात पादरियों पर मुकदमा तथा सम्राट के यहाँ पुत्र का जन्म ये दोनों घटनाएँ वर्ष 1688 में लगभग एक ही समय में घटित हुई थी। फलस्वरूप देश के विभिन्न राजनैतिक दलों के समर्थकों ने अपने आपसी मतभेदों को भुलाकर इंग्लैण्ड के राष्ट्रीय अस्तित्व की रक्षा करने हेतु हॉलैण्ड के शासक विलियम ऑफ ऑरेन्स को आमन्त्रित किया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
  2. प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
  6. प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
  8. प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
  12. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
  13. प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
  14. प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  15. प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
  17. प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
  18. प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
  19. प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
  20. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
  22. प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
  24. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
  25. प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  26. प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
  28. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
  33. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
  37. प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
  39. प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
  40. प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
  44. प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  45. प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
  46. प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
  48. प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
  49. प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
  50. प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
  51. प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  52. प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
  53. प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  54. प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  55. प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
  57. प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  59. प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
  60. प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  61. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
  63. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
  65. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
  66. प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
  68. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
  70. प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
  72. प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
  73. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  74. प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
  76. प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
  79. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
  80. प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
  82. प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
  83. प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
  84. प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
  85. प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  86. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
  87. प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  88. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
  90. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  92. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
  93. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  94. प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  95. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
  96. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
  97. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
  98. प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  99. प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  100. प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
  102. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
  103. प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
  106. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
  107. प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
  108. प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
  109. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
  110. प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
  111. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
  113. प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  114. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
  115. प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
  116. प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
  118. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  119. प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  121. प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
  122. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
  124. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
  126. प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
  127. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  128. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  129. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
  132. प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  133. प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
  134. प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
  135. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
  136. प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
  137. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  138. प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
  141. प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
  142. प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
  143. प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
  144. प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
  145. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
  146. प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
  147. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
  148. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  149. प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
  150. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
  152. प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  153. प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
  154. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
  155. प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  156. प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
  157. प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  159. प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  160. प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  161. प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
  162. प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
  163. प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
  165. प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
  166. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
  167. प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  168. प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
  169. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
  170. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
  171. प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
  172. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  173. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
  174. प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  175. प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
  176. प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
  177. प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  178. प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
  179. प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
  180. प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
  181. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
  182. प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
  183. प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  184. प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
  185. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
  186. प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?

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